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mota hone ki tips in hindi दुबलापन दूर करने व मसल बढ़ाने के घरेलू उपाय

mota hone ki tips in hindi दुबलापन दूर करने व मसल बढ़ाने के घरेलू उपाय

      दुबलापन दूर करने व मसल बढ़ाने के घरेलू उपाय


(1) जौ की खींर :- बाजार से 3-4 किलो जौ ले आयें तथा 'साफ करके रख लें । इन साफ किये जौ में से 70 ग्राम के लगभग मात्रा को "लेकर इनको पानी में भिगोकर, कूट कर " छिलका उतार लें । अब  इस छिलका उतरे जौ को आधा किलो दूध में डालकर खीर बनायें, खीर उसी प्रकार बनायें जैसे चावल की खीर बनाते हैं । इस तैयार जौ की खीर को नित्य प्रात: दो माह तक सेवन करे, यदि प्रतिदिन खीर न बनायी जा सके, तो 2-3 दिन छोडकर सेवन करे । इस प्रयोग से शरीर में मांस को वृद्धि होने लगती है, इससे वजन भी बढने लगता है ।
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( 2 ) छुहरे की खीर :-जिन्हें जौ की " खीर बनाने में असुविधा हो, वे आधा किलो दूध में दो उत्तम किस्म के छुहरि डालकर दूध को तब तक उबालें, जब तक दूध आधा रह जांये, अब इसमें दो चम्मच शक्कर या
मिश्री मिलायें, और ' नीचे उतार कर ठण्डा होने पर छुहरि खाकर (गुठली निकालकरं ) ऊपर से बचा दूध पी लें, इसका सेवन सोने से पूर्व रात्रि को करें ।
                        इसके प्रयोग से शरीर में मांस, बल  बढने लगता है, शरीर मांसल हो जाता है, नया शुद्ध रक्त बनने लगता है । जुकाम, कफ मे  फायदा करते हुए छाती और फेफडों को शक्ति देता है । यदि आपका पेट साफ नहीं रहता, कज्ज रहती है तो वह भी दूर हो जाती है । कर्कश और फटी-फटी सी आवाज भी साफ हो जाती है । हां, इसको केबल शीतकाल में ही 15-20 दिन तक ही सेवन करे, क्योंकि यह गर्मी करता है, यदि आपको अनुकूल न आये तो केवल एक छुहरे का दूध ही पी  ले। इसके सेवन के बाद दो घण्टे तक पानी  न पियें, केवल कुल्ला कर लें।
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(3) छुहारों का दूध : रात को दो " छुहारों को किसी कांच में या मिट्टी के बर्तनमें थोड़े से जल में भिगो दें, तथा प्रात इन की गुठली निकाल कर फेंक दें, और शेष बचे गूदे को 300 ग्राम दूध में उबाल लें, जब दूध 250 ग्राम रह जाये, तब उतार कर मिश्री या शक्कर मिलाकर पी जाये ।
शीतकाल में इसके कुछ दिनों तक सेवन से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं ,शरीर की कमजोरी दूर होकर ताकत मिलती है । .
जो बच्चे बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं, उन्हें यदि 'एक छुहारे का 200 ग्राम " गुनगुना दूध 5-7 दिन दिया जाये तो बिस्तर पर पेशाब करने का रोग भी दूर हो जायेगा, इसके सेवन से मसाने को भी बल मिलता है । बच्चों को रोग दूर होने तक कुछ 'दिन और भी दे सकते हैं ।



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