क्या है डिप्रेसन होने के कारण ? वा इससे बचने के सटीक उपाय
जीवन में उतार चढाव आते रहते हैं, जिनका प्रभाव मस्तिष्क पर होता है, कुछ व्यक्ति वड़े-बड़े दुखों को हंसते गाते सहन कर लेते है कुछ लोग छोटी सी बात से, दुखी, परेशान तनाव ग्रस्त हो जाते. हैं ।
अधिकांश मनुष्यों में दु :खों का प्रभाव क्षणिक होता है और कुछ समय बाद वे सब दुख भूलकर अपने कार्यों में संलग्न हो जाते हैं । यदि इसके बुरे प्रभाव" लम्बे समय तक बने रहते हैं, जो एक-दो सप्ताह से ज्यादा "दिनों तक उदास दुखी रहते हैँ तो यह अवस्था" अवसाद या मानसिक दबाव अथवा डिप्रेशन कहलाती है । आवसाद आधुनिक तनावग्रस्त जीवन में बहुत बडी समस्या है जो कि व्यक्ति को अक्षम बना सकती है ।
लक्षण -
1. डिप्रेशन ग्रसित व्यक्ति, दुखी, उदास रहते हैं, उत्साहीत होते है निष्किय रहने लगते हैं ।
2. इनकी सोचने, समझने, निर्णय लेने की क्षमता भी कम हो जाती है ।
3. गंभीर डिप्रेशन होने पर समय का ज्ञान समाप्त हो सकता है,
4. मरीज बेचैन रहने लगता है, उनका मन किसी काम में नहीं लगता है
5. एकाग्रता नहीं रख पाता।
6. भूक नही लगती ,कब्ज हो जाता हुयेसे व्यक्ति जल्दी थक जाते है
7. गहरी नींद नही आती ,रात को आसानी से नही आती,नीद सुबह 2-3 बजे खुल जाती हेसुभे सोकर उठने पर तरोताजा महसूस नही होता है
8. अवसाद के लक्षण अक्सर सुबह ज्यादा होते हैं, और शाम को कम हो जाते हैं
9. उनमें एकाग्रता और याददाश्त में कमी की समस्या हो सकती है
10. बदन में जगह-जगह दर्द हो सकता है ।
ये जीवन के हर पहलू परिवार समाज "से निराश रहते हैं निराशाजनक विचारों के कारण योन व्यवहार और सम्बन्धों से भी इनको सन्तुष्टी नहीं प्राप्त होती, मामर्दी हो सकती है ।
मनोवैज्ञानिकों के कथनाऩुसार … ' डिप्रेशन ' के निम्न कारण भी हो सकते हैं...
( 1) शराब का सेवन या ड्रग्स लेना ।
(2) शरीर में गहरी चोट लगना अथवा गम्भीर रोग से ग्रस्त होना ।
(3) किसी प्रियजन का निधन|
(4) जीवन में, आकस्मिक दु :खद घटनाओं का… घटना जैसे नौकरी का छूट जाना, बेरोजगारी, आर्थिक घाटा, तलाक, परीक्षा में फेल होना आदि ।
( 5 ) खानपान में अनियमितता।
डिप्रेशन से बचने के घरेलू उपाय -
तनाव को डिप्रेशन ( अवसाद) बनने से रोकना चाहिए । यदि आपकी साधारण प्रकार का डिप्रेशन है तो पारिवारिक परिचर्या से भी दूर किया जा सकता है । यदि व्यक्ति को गम्भीर रूप से डिप्रेशन है तो उसे किसी " योग्य मानसिक रोग विशेषज्ञ से सलाह लेकर इलाज प्रारंभ करना चाहिये । डिप्रेशन के कारण का पता लगाकर उसके निवारण का उपाय किया जाना आवश्यक है ।
डाक्टर डिप्रेशन को कम करने के लिये `दवाइयों' भी देते हैं पर वह स्थायी इलाज नहीं है । एलोपैथिक दवाइयों का प्रतिकूल प्रभाव भी पडता है । सभी रोगियों को दवा की आवश्यकता नहीं होती । नियमित रूप से सामान्य जीवन जीने से डिप्रेशन की शिकायत स्वत: कम हो सकती हैं ।
डिप्रेशन ( अवसाद ) को समाप्त करने के लिये निम्न उपाय हैं ।
( 1 ) अपनी दैनिक दिनचर्या को नियमित बनायें ।
( 2) यदि आप शारीरिक बीमारी का इलाज़ करा रहे हैं तो इलाज की समीक्षा कीजिये । आवश्यकता हो तो वैद्य या डाक्टर को बदलिये ।
(3) परिवार के कारण तनाव है तो तुरन्त एक चार अस्थाई रूप से ही अन्यत्र कहीं चले जाऐं ।
(4) आप अपनी क्षमता से 'आगे मत ' सोचिये, न कार्य करने का संकल्प करे, वही कार्य हाथ में लें जिसे आप अपनी क्षमता से समय पर कर सके ।
(5) मद्यपान करना छोड दें और सिगरेट पीना भी बंदकर दें । अग्य नशीली -वस्तुओं का यदि सेवन करते है, तो उन्हें बंद कर दीजिये ।
(6) एकान्त प्रिय अधिक नहीं बने । लोगों से मिल जुलकर रहें ।
(7) संतुलित तथा उत्तम आहार ही लीजिये क्योंकि तनाव के क्षणों में शरीर को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता रहती है जो आपको पौष्टिक व संतुलित आहार से ही ' मिल सकती है ।
(8) थकान मिटाने के लिये पर्याप्त मात्रा में नींद एवं विश्राम करें, विश्राम के पश्चात शरीर में स्कूर्ति आती है ।
(9) नित्य प्रात: काल में 3 - 4 किलोमीटर की पैदल सैर करें ।
( 1०) उपयुक्त योगासन व व्यायाम से भी डिप्रेशन कम होता है प्राणायाम भी अवसाद कम करता है
( 11 ) सदैव मुस्कुराते रहिये हंसना मानसिक तनाव कौ कम करने के लिये रामबाण औषधि है ठहाके लगाइये, हल्का फुल्का साहित्य पढिये
(12) ऐसै मित्र व स्वजनों से सामीप्य बढाइये जिम्हें आप अपने दिल की बात कह सके और हल्का पन अनुभव कर सकें
( 13) आध्यात्मिक एवं जीवनोपयोगी साहित्य पढिये जिससे आप शांति प्राप्त कर सकें और उसे जीबन में व्यवहारिक रूप से अपना सकें।
( 14) ईश वन्दना अवसाद को कम करने का अमोघ साधन हे, अपने को ईश्वर के चरणों में अर्पित करिये । ईश्वर ही आपके जीबन रथ के सारथी हैं , ध्यान से आत्मिक विकास होता है ।
( 15) ईर्ष्या-द्वेष, मत्सर, निंदा स्तुति जैसे अवगुणों से बचिये ये उल्टा आपका तनाव ही बढाते हैं ।
(16) कार्य का नियोजन करें लक्ष्यो की पूर्ति उत्तम साधनों तथा रुचि लेकर करे , कल्पना लोक में ही विचरण न करे।
( 17) डिप्रेशन के समय प्राकृतिक स्थलों का अवलोकन कों व प्रकृति का समीप्य प्राप्त करें
( 18) ऐसो रुचियां (होबिज) अपने में विकसित कों जो आपके तनाव को कम करें जैसै बागवानी, खेल…कूद आदि।
(19) गर में प्रेरक साहित्य रखिये। अच्छे व्यक्तियों के सत्संग का लाभ उठाइये प्रेरणाप्रद पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन करिये।
(2०) समस्यायें हल करने का प्रयास करें तथा निर्णय लेने की क्षमता बढायें
जीवन यात्रा के सजग पथिक बनिये। अपने को तनावमुक्त कर इस पथ पर निरन्तर आगे चढने का लक्ष्य रखिये। निराशा, हताशा, कुण्डा, तनाव रहित जीवन जीने से ही डिप्रेशन से बचा जा सकता है।