क्या आपके बच्चे की याददाश्त कमजोर है ? //याददास्त बढ़ाने के शानदार उपाए
आजकल बहुतायत से सुने जाते हैं कि बच्चे अक्सर विषय भूल जाते हैं या परीक्षा में पास नहीं हो पाते या यादाश्त कमजोर होने से पढाई पूरी नही कर पाते हैं । इस तरह के बच्चो' के ये आम प्रचलन की बातें सुनी जाती हैं । इसमें बच्चे ही नही बडों में भी ये बातें पाई जाती है । आखिर इसके पीछे कारण क्या है , इसे हमें समझना होगा ।
उपरोक्त कारणों में अधिकांशत: निम्न बाते ज्यादा समझ में आती है कि बच्चे भावी भविष्य के निर्माण में मां , बाप, शिक्षा व समाज ये प्रमुख बडे मुददे हैं । प्रथम मां -बाप की दिनचर्या , शिक्षा ये स्वयं पर निर्भर करता है कि मां बाप कितने सभ्य व शिक्षित है, चूंकि उनके पूरे क्रिया कलाप पर बच्चे के नाजुक मस्तिष्क में बहुत जल्द असर करते है सर्वप्रथम तो 'बच्चो पर समय-समय पर निगरानी रखते हुए उनके आचरण पर ध्यान देना चाहिए कि बच्चे कि मनोस्थिति क्या है ? यदि वो घर के संस्कृति से बाहर कोई कार्य करता है तो उसके समाज, साथी पर ध्यान देना होगा । यदि उनमें कुछ गलत आदतें या बुराईयां हो तो बच्चे को उसके बारे में प्यार से समझाएं व बुराइयां' के बारे में जानकारी दें । इसे मार डाट कर नहीं बल्कि प्यार से समझाएं । बच्चे यदि किसी बातों को जानने का प्रयास या सवाल करे जो उसके लायक हो तो उसे अवश्य ही उत्तर के रूप में बताएं समझाएं उसे टालने का प्रयास न करें । चूंकि टालने से उसके मन में उन बातो की क्रिया कर्म को करने को आतुर रहता है अत: इसे जानने के प्रयास में कुछ गलती भी कर बैठता है । घर के सम्य संस्कृति की शिक्षा दें ।कमाकाजी महिलाए अपने बच्चो के साथ १-२ घंटे अवश्य बिताए । यदि बच्चे को उचित प्यार न मिले तो वे उग्र एवं आक्रामक स्वभाव के हो जाते हैं और मानसिक विकास एक कुण्ठा बनकर रह जाती है ।
आज कल बच्चे भौतिक सुख के चका चौंध जैसे की शहरी सिनेमा के चलते फैशन, कभी ये छोटे बच्चे कुसंगति में फंसकर बीडी , सिगरेट जैसे नशे के कुरीतियों में फंस जाते हैं । इसमें कुछ भूमिका स्वयं मां बाप की होते हैं जो प्रथम तो अपने ही घर में तमाम साजो समान की रचना कारते हैं, व घर में मनोरंजन करते टी. वी. के सामने बीडी सिगरेट पीते हैं व जब बच्चे इसको देखकर धीरे -धीरे आदत मे ढलते हैं, चूकि शुरू मे बच्चे भी मा बाप के साथ बैठकर मनोरंजन करते है । इस तरह बच्चे की आदत जब सीमा से पार हो जाती हैं तो मां बाप के हाथ पैर फूलने लगते हैं, फिर एकाएक बच्चे पर बरस पडते हैं व शख्त हिदायत देते हैं कि आज से टी. वी. सिनेमा देखना या बाहर घूमना बंद । इससे बच्चे के दिल में एकाएक़ आघात लगता है ओंर मस्तिष्क कुण्ठा का शिकार हो जाता है यही कारण है बच्चे मानसिक दवाब के शिकार हो जाते हैं , चूंकि आदत में ढली हुई चीजें एकाएक बंद नही हो सकती ओंर आपने एकाएक बंद करने का आदेश दे दिया चूँकि उनकी आदत तो पहले से इस मनोरंजन में ढली हुई है, लेकिन अब वो नहीं है,वो बच्चा अपने आप क्यो अकेला महसूस कर परेशान हो जाता है और यही से शुरू कर देता है इधर-उधर भागना, उलफजूल हरकत करना , चूंकि पुन: वह उस विषय को पाना चाहता है, अत: यह ध्यान देने योग्य बात है कि बनावटी मनोरंजन सेज्यादा स्वयं अपने बच्चो से मनोरंजन करे और बनावटी मनोरंजन के साधन से धीरे-धीरे दूर करें या शख्ती के साथ समय-समय पर ऐसे मनोरंजन की छूट दें जो उनके जीवनी शिक्षा में काम आए । बच्चो'के साथ मनोरंजन में सबसे बडे फायदे यह है आप को उस के हर गतिविधि की जानकारी रहेगी। आप के निर्देशो का पालन करेगे । इसीं निदेंश में शिक्षा भी शामिल है । जो समय समय पर उचित शिक्षा लेकऱ भावी भविष्य को संवार सकेगां । मनोरंजन का अर्थ केवल खेल ही नही अपितु उस घर कीं सभ्यता भौतिक शिक्षा के साथ कुछ देर बच्चे को पढ़ाये व शिक्षा दें। आपने देखा होगा कि जिसे हम कमजोरी कहते हैं। यह एक दूसरा पहलू है कि बच्चा अन्य अनर्गल अनावश्यक विषय जैसे टी. वी. सिनेमा की कहानी , झगडा-फसाद, गाने इत्यादि को बडी जल्दी पकड़ कर याद कर लेता है परन्तु अपनी शिक्षा के बारे में वह याद नही रखता। इसके कारण उपरोक्त ही हैं । चूँकि स्कूल में शिक्षक काअनुशासन या जबरदस्त लापरवाही साथ ही यदि परिवार में बच्चे को एकदम छूट या अनावश्यक अनुसासन हो तो बच्चे का संतुलन सही नहीं रहता पता, इसे हम याददाश्त की कमजोरी कह सकते है । उपरोक्त बात को अमल में लाकर यदि निम्न उपाय काम ने लाए तो अवश्य ही बुद्धिजीवी बनेगें। केवल दवा खिलाने पिलाने से यह सभव नही है कहावत है कि गधे की पीठ ने वकालत कीं किताब लादने से गघा वकील नहीं बन जाता।
1. दो नग बादाम को सुबह एकदम घिसने की तरह सिल में दूघ के साथ व दूध डालकर पीसे व सिल से पीसे हुए बादाम को उतार ले व 100 ग्राम इस बादाम मिले दूध को मिलाएं, इसके बाद तो एक दो सेव खिलाएं या गाजार का थोडा हलवा, खिला दे', इसके अलावे कोई भी नास्ता न दे । इनके अलावा दोपहर व रात या जब बच्चा भोजन कर ले तो २ से ३ चम्मच सारस्वतारिष्ट बराबर के पानी से पिला दे।
२ . यदि बच्चा अल्पबुद्धि का है जैसे सभी का आवश्यक़ विषयों को भूल जाना, पढाई छोड़कर स्कूल से भागना , झगडा लडाई इत्यादि करने के लक्षण हो तो , स्मृतिसागर रस आधी से 1 रत्ती, सर्पगंधा चूर्ण 1 से 2 रत्ती, अभ्रक भस्म 100 पुटी-1 रत्ती, प्रवाल पिष्टी, सब प्रति खुराक मिलाकर आधे से 1 चम्मच ब्राम्हीघृत में मिलाकर सुबह शाम चटा देंव उपलब्ध हो तो कुम्हडे का मीठा हलवा या गाजर का हलवा आवश्यकतानुसार नास्ते के रूप में खिला दें या दोपहर व रात या दोनो समय भोजनोपरान्त 1-1गोली ब्राम्हीवटी को खिलाकर ऊपर से 2 चम्मच सारस्वतारिस्ट को पानी से पिला दे
बीड़ी सिगरेट छोड़ने के आसन तरीके
3. बच्चा यदि बोलने में हकलाता हो यानि रूक रुक कर बोलता हो तो मीठाबच दो रत्ती व अकलकरहा का चूर्ण २ रत्ती दोनो को मिलाकर आधे चम्मच ब्राम्हीघृत में मिलाकर भोजनोपरान्त 3-3 चम्मच सरस्वादिस्ट को बराबर के पानी से पिला दे तथा प्रतिरात्री मे सोते के समय समंभाग बच एबं अकल करहा के चूर्ण को शहद में मिलाकर जीभ में लगाकर रात्रि में सुला दें, इसे जींभने 2-3 बार दिन मे भी लगा सकत्ते है। (ये सभी में एक बार वैध का परामर्श ले ले)
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3. बच्चा यदि बोलने में हकलाता हो यानि रूक रुक कर बोलता हो तो मीठाबच दो रत्ती व अकलकरहा का चूर्ण २ रत्ती दोनो को मिलाकर आधे चम्मच ब्राम्हीघृत में मिलाकर भोजनोपरान्त 3-3 चम्मच सरस्वादिस्ट को बराबर के पानी से पिला दे तथा प्रतिरात्री मे सोते के समय समंभाग बच एबं अकल करहा के चूर्ण को शहद में मिलाकर जीभ में लगाकर रात्रि में सुला दें, इसे जींभने 2-3 बार दिन मे भी लगा सकत्ते है। (ये सभी में एक बार वैध का परामर्श ले ले)
परहेज:- बच्चे को खासकरप् याज खाने को न देंव समस्त त्तीखी, मिर्च मसाला गर्म वस्तु तली भूनी चिजो से परहेज रखे। सिर्फ फल फल दूध अधिक मात्रा में दे।
नोट:- उपरोक्त सभी चिकित्सा १० से १५ वर्ष के लिए है । आवश्यकतानुसर इससे उम्र कम हो तो मात्र आधी करें व उम्र ज्यादा हो तो मात्रा बढाएं