केला भारत मे ही नही बल्कि विश्व के अधिकांश देशो में पाया जाता है और लोकप्रिय फल है अतः इसका परिचय देना आवश्यक नही है लेकिन इसकी गुडवत्ता औषधि के रूप में इसका उपयोग ओर स्वस्थ रक्षन एवं शरीर पोषण के मामले में इसका महत्व पर प्रकाश डालना जरूरी होगा।
आयुर्वेद में केले को बहुत गुणकारी बताते हुए केले की बहुत प्रसंसा की गई कच्चे केले से ज्यादा पक्के केले को अधिक फादेमंद ओर लाभप्रद बताया गया है
केले से लाभ
केले का गुदा भोजन के साथ या अन्त में खाना सबसे अच्छा तरीका है, इसके सभी आंग किसी न किसी रोग के लिए लाभकारी सिध्द होते है, कच्चे केले का शाक बनाया जाता है, ओर पक्के केले के सरबत ,मीठे व्यंजन , मीठी खीर ओर पकोड़ी आदि मधुर व्यंजन बनाये जा सकते है। जो दुबले पतले शरीर वाले आपने शरीर की मसल पूस्ट बनाना कहते है उन्हें प्रातः काल के भोजन के साथ सिर्फ एक बार 1-2 केले नियमित रूप से खाने चाहिए
विटामिन
इसमे विटामिन 'A' ,'B' व 'I' भरपूर मात्रा में , तथा विटमिन 'C' साधारण मात्रा में पाया जाता है इसमे प्रोटीन बहुत कम मात्रा में होता है शर्करा , श्वेत सार, खनिज लवण लोह , फॉस्फोरस आदि तत्व भी पाए जाते है
केले से दूर होने वाली बीमारी :- यह मूत्र विकार ,रक्त पित्त ,सुखी खासी,दाह पेशाब में जलन , मासिक धर्म के समय कस्ट होना, प्रदर आदि रोगों में बहुत लाभकरी है
केले के गुण
पके केले - पके केले बहुत गुणकरी होते है, ये स्वादिष्ट बहुत मीठा ,सुगंधित, घुला हुआ पाक में मधुर ,वीर्यवर्द्धक ,पोस्टिक, रुचिकर,मास बढ़ाने वाला,तथा भूक प्यास ,नेत्र रोग और प्रमेह को मिटाने वाला होता है
कच्चे केले - कच्चे केले भी बहुत गुणकारी होते है इसमें रक्त विकार , कसैला, कफ, पित्त ,दाह,तथा वायु को नष्ट करने वाला होता है