अंकुरित अनाज खाने के फायदे.....ankurit anaj khane ke fayde in hindi
अकुरित आहार आश्चर्यजनक गुणों से युक्त, उच्च खादय मानक रखने वाले पोषक तत्वों का एक प्रमुख स्रोत माना जाता है । क्षारीय होने के कारण अकुंरित आहार _ स्वास्थ्य के सुधार , शरीर के शुद्धिकरण में सहायक और उसे रोग के प्रति प्रतिरोधी बनाता है । अंकुरित आहार भोजन के पोषण मूल्य को बढाता है। स्वास्थ्य संरक्षण के लिए हमारे आहार का 20% भाग अप्लीय तथा 80% भाग क्षारीय होना चाहिए, जिसमें मुख्य रूप से बडी मात्रा में कच्चा आहार और अंकुरित भोज्य पदार्थ आदि होना जरूरी है। अकुरित आहार एक तरह से शरीर के लिए महाऔषधि है। अंकुरित आहार अन्न या दालों के अकुंरित बीज है, जिनमें अंकुरण की प्रक्रिया में जीवन को संरक्षित और उन्नत करने के गुण आ जाते हैं।
अंकुरित अनाज खाने के फायदे |
अंकुरित आहार आवश्यक क्यों ?
आज़ रहन-सहन का तरीका विशेष रूप से शहरों में अप्लीय, पोषण हीन तथा अप्राकृतिक होता जा रहा है , जिसने व्यक्ति को बीमार कर दिया हैं। अधिकांश रोगो का मूल कारण खाने-पीने, रहन-सहन और सोच -विचार की गलत आदतें हैं। अकुरित आहार खाने-पीने की गलत आदतों का सही समाधान है। दैनिक भोजन के एक भाग के रूप में अकुंरित आहार का इस्तेमाल अप्लीय एवं क्षारीय खादय पदार्थों की जरूरत के अनुपात को संतुलित कर सकता है, जो स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण है।
अंकुरित अनाज खाने के फायदे |
अंकुरित आहार का प्रयोग :-
कोई भी (स्वस्थ या अस्वस्थ) व्यक्ति अकुंरित आहार का सेवन कर सकता है लेकिन शुरुआत में इसे बहुत कम मात्रा में लेना चाहिए और खूब चबा-चबाकर खाना चाहिए। स्वाद बढाने के लिए इसमें खीरा, टमाटर, हरी मिर्च , धनिया की पत्तियां तथा नींबू आदि मिलाए जा सकते हैं। इन चीजों को मिलाने से यह अधिक पौष्टिक बन जाता है। अकुंरित आहार का न केवल पोषक मान अधिक होता है बल्कि लागत भी कम होती है। अगर एक रोगी व्यक्ति कच्चे आहार का सेवनं करता है तो वह अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओ से बड्री सरलता से छुटकारा पा लेता है। एक स्वस्थ व्यक्ति नियमित रूप से इसका प्रयोग करता है तो वह स्वयं को अनेक रोगों से बचा सकता है तथा अपने स्वास्थ्य में वृद्धि भी कर सकता डै।
सभी अन्नो के बीज अकुंरित नहीं किए जाते हैं। अंकुरित किए जाने वाले बीज है । सूर्यमुखी, मोठ, मूंग, लोबिया, मेथी, अल्फाल्ता, चना, सोयाबीन और गेहू आदि के बीजों को अकुंरित किया जा सकता है ,और इन्हें व्यक्ति विशेष की जरूरत या चिकित्सक के परामर्श के अनुसार लिया जा सकता है।
गेहू को अकुंरित करत्ते समय विशष ध्यान रखने की आवश्यकता ताकि उसमें फंगस न लगे। गेहू को अंकुरित करने के लिए शीशे के जार का इस्तेमाल करें और प्रात: काल उनको धूप दिखा दें।
अंकुरित अनाज खाने के फायदे |
अंकुरित आहार के फायदे के सेवन से होने वाले फायदे
1. अकुंरित आहार प्राकृतिक , ताजा और पूर्णत जीवंत आहार है। यह अधिक सरलता से पचने वाला, कम मोटापा बढाने वाला, अधिक स्वादिष्ट तथा पोषक होता है।2.अकुंरित होने के बाद कुछ बीजों में विटामिन सी, लौह, रिबोफ्लेबिन, नियासिन फास्फोरस की मात्रा एबं उपलब्धता बढ़ जाती है। इस तरह से यह विटामिन तथा खनिज पदार्थों का अच्छा स्रोत बन जाता है ।
3. अपोषक तत्वों जैसै भोलिगोसैकराइडस आदि की मात्रा अकुंरित होने के बाद कम हो जाती है। अकुंरित आहार में पाया जाने वाला स्टार्च ग्लूकोज फ्रंक्टोज और मल्टीज में परिवर्तित हो जाता है। यह न केवल स्वाद में बृद्धि करता है बल्कि इसकी पाचकता को भी बढाता है।
4. बदलाव को यह प्रक्रिया दालों में धीरे धीरे तथा अनाजों में जल्दी होती है।
5. अकुंरित आहार जल्दी और सरलता से शरीर के अंग अंग में पहुँच जाता है और शीघ्र ऊर्जा प्रदान करता है।
6. अंकुरित आहार प्राकृतिक रूप से शरीर का पोषण करता है।
अंकुरित आहार एक सम्पूर्ण भोजन है। इसमें कोई मिलावट नहीं होती है।
शरीर को आवश्यक पोषक तत्व अकुंरित आहार से प्राप्त होते हैं। यह आहार नशे और मद्यपान के आदी लोगों को इनसे छुटकारा दिलाने मैं भी मदद करता अंकुरित आहार को कच्चा ही खाना चाहिए। पकाने , उबालने या सेंकने से इसक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। फिर भी अंकुरित आहार को भाप मैं पकाया जा सकता है। जो बूंदे है और अंकुरित आहार चबा नहीं सकते हैं, वे इसे मिक्सी मे' पीस कर इसके पेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे अंकुरित आहार की गुणवत्ता में कमी नहीं आती है। मूंग, दाना, मैथी, चने और इसी तरह के दूसरे’ बीजों का अंकुरण शीशे के जार या गीले कपडों की सहायता से किया जा सकता है। सबसे पहले बीजों को दो-तीन बार पानी से अच्छी तरह से धोकर टूटे हुए तथा खराब बीजों को छांटकर निकाल देना चाहिए। उसे एक काँच के जार में रखकर उसमें चार गुना पानी भर दें। रात भर भीगने के बाद दूसरे दिन पानी से धोकर साफ सूती कपडे की एक थैली में रखकर किसी सुरक्षित स्थान पर टांग दे। गर्मियों मैं इस थैली पर कई बार ठंडा पानी छिड़के' ताकि नमी बनी रहे। इसके दूसरे दिन छोटे-छोटे अंकुर निकल आते हैं। गर्मियों में अंकुर जल्दी तथा सर्दियों में देर से निकलते है। इम्हें शीशे के जार में की य'ह भी बीच-बीच में ठंडा पानी छिड़क कर अंकुरित कर सकते हैं।
6. अंकुरित आहार प्राकृतिक रूप से शरीर का पोषण करता है।
अंकुरित आहार एक सम्पूर्ण भोजन है। इसमें कोई मिलावट नहीं होती है।
शरीर को आवश्यक पोषक तत्व अकुंरित आहार से प्राप्त होते हैं। यह आहार नशे और मद्यपान के आदी लोगों को इनसे छुटकारा दिलाने मैं भी मदद करता अंकुरित आहार को कच्चा ही खाना चाहिए। पकाने , उबालने या सेंकने से इसक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। फिर भी अंकुरित आहार को भाप मैं पकाया जा सकता है। जो बूंदे है और अंकुरित आहार चबा नहीं सकते हैं, वे इसे मिक्सी मे' पीस कर इसके पेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे अंकुरित आहार की गुणवत्ता में कमी नहीं आती है। मूंग, दाना, मैथी, चने और इसी तरह के दूसरे’ बीजों का अंकुरण शीशे के जार या गीले कपडों की सहायता से किया जा सकता है। सबसे पहले बीजों को दो-तीन बार पानी से अच्छी तरह से धोकर टूटे हुए तथा खराब बीजों को छांटकर निकाल देना चाहिए। उसे एक काँच के जार में रखकर उसमें चार गुना पानी भर दें। रात भर भीगने के बाद दूसरे दिन पानी से धोकर साफ सूती कपडे की एक थैली में रखकर किसी सुरक्षित स्थान पर टांग दे। गर्मियों मैं इस थैली पर कई बार ठंडा पानी छिड़के' ताकि नमी बनी रहे। इसके दूसरे दिन छोटे-छोटे अंकुर निकल आते हैं। गर्मियों में अंकुर जल्दी तथा सर्दियों में देर से निकलते है। इम्हें शीशे के जार में की य'ह भी बीच-बीच में ठंडा पानी छिड़क कर अंकुरित कर सकते हैं।
अधिक दिनों तक रखें अंकुरित आहार को खाना ठीक नहीं है। इसका तुरंत सेवन कर लेना चाहिए। खाने से पहले अकुंरित आहार को दोबारा पानी से अच्छी तरह धो लेना चाहिए।
7. अंकुरित आहार के लिए चुने गए बीज ताजे , नए , साफ, रोग मुक्त और बिना रसायन के होने चाहिए। अंकुरण की प्रक्रिया के दोरान कुछ बीज अंकुरित नहीं हो पाते है। उन्हे चुन कर निकाल दें ।
मूूंग:-
मूूंग को अंकुरित करना आसान है। इसमें विटामिन, ई, और सी पर्याप्त मात्रा में होते है।दाना मेथी :-
इसकी सुगंध तीखी और कड़बी होती है। इसमें उपचारक शक्तियां होती हैं। मधुमेह और साँधचात के उपचार में इसका प्रयोग होता है।चना:-
चना को पुराने समय से अकुंरित किया जा रहा है। इससे शरीर को विटामिन, प्रोटीन एबं खनिज मिलते हैं। अंकुरित आहार अमृत है। इसे कच्चा ही खाइए और स्वास्थ्य में वृद्धि कीजिए।।